बस ख़ामोश होकर लोगों के किरदारों को पढ़ते रहने के अलावा किया क्या जा सकता है ? बस ख़ामोश होकर लोगों के किरदारों को पढ़ते रहने के अलावा किया क्या जा सकता है ?
क्यूंकि कल सुबह उठकर फिर दो वक़्त की रोटी की जद्दोजहद के लिए ताक़त चाहिए थी। क्यूंकि कल सुबह उठकर फिर दो वक़्त की रोटी की जद्दोजहद के लिए ताक़त चाहिए थी।
उनके दिलों में महफ़ूज़ हो चुका था। दोनों हँसते हुए घर की ओर चल देते हैं। उनके दिलों में महफ़ूज़ हो चुका था। दोनों हँसते हुए घर की ओर चल देते हैं।